Maji

ये कहानी मैंने कक्षा सातवीं में लिखी थी। आज आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ। कहानी जस की तस कागज से कंप्यूटर में उतार रहा हूं।


राघव

शहर से थोड़ी दूर एक छोटा सा खेत और उस खेत के एक कोने पर बना ये बगीचा, जिसमें नीम और शीशम के आठ दस पेड़ों के साथ बीच-बीच में नींबू और अमरुद के पेड़ लगे हुये थे। जून जौलाई का महीना, सूरज की तपिश से खेत में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी थीं  और वर्षों से गुड़ाई-निराई न होने की वजह से उसमें  खुरों के निशान और घास यथावत थे। शायद इसका किसान खेत से नाखुश होकर वर्षों पहले ही इसे त्याग गया होगा।  इसीलिए खेत भी धीरे-धीरे मैदान बनता जा रहा था। खेत के बीच में एक छोटा सा कुआँ जो धीरे-धीरे सूखता जा रहा था।  वैसे तो ये बड़ा निर्जन स्थान है पर कभी कभार दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने लोग यहाँ आते रहते हैं और उनके बनाये चूल्हे व बैठने की जगह भी यथावत हैं। 

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Contd…..

2.

उसकी उम्र सत्ताईस बरस है। वह राघव है, एक ‘डॉक्टर’। कल रात ही उसने अपनी ‘माँ’ का ऑपरेशन किया है; अपनी सौतेली माँ का। 

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